रविवार, 22 मार्च 2015

#StartANewLife-ये कहानी



उसकी की ये कहानी 

#StartANewLife में एक ऐसे इन्सान की कहानी शेयर कर रही हूँ जिसने वास्तव में अपनी जिंदगी को फिर से एक नई शुरुआत दी.ये कहानी उसकी की है. उसका को भी नाम हो सकता है, पर मै यहाँ उसे उसकी ही कहूँगी. वो उसकी मै भी हो सकती हूँ, क्योंकि हर नारी चेहरा अलग-अलग हो सकता है पर उसकी भावनाएं और संवेदनाएं एक जैसी ही होती हैं.
उसकी के भी सपने थे जैसे की आजकल की युवा होती जेनरेशन के होते हैं, पुरानी जेनरेशन की भी आँखों में सपने हुआ करते थे जब वे अपनी युवाअवस्था में रही होंगी. लगता है मै थोड़ा बहक गई हूँ पर इसमें मेरा को कसूर नहीं है क्योंकि जब भी गुज़िश्ता वक्त की बातें हम करते हैं तो हमारी आँखों के सामने हमारे माता-पिता का माज़ी आ जाता है. एयर यकीनना उनकी आँखों में जो सपने हुआकरते थे उसकी कौंध आज भी यदा-कदा उनकी आँखों में दिख जाती है. आखों को सपने देखने का हक़ तो है ही,बेशक उन्हें पूरा करने उनके इख़्तियार में हो या न हो.

तो मै बात कर रही थी उसकी की. वह भी और लड़कियों की तरह करियर माइंडेड लड़की है. उसने एम.बी.ऐ. की डिग्री Symbiosis  simbiosiपुणे से की और उसी दौरान उसे जॉब भी मिल गया. एक अच्छे पैकेज के साथ उसने अपने सपनों के शहर मुंबई में कदम रखा. अपने सपनों को मुक़म्मल हकीकत का अमलीजामा पहनाने वाली उसकी के लिए मानों जिंदगी सौगातों की बौछार कर रही थी. एक साल के बाद उसे प्रमोशन मिला और एक नई जगह याने आमतौर पर लोगों के लिए सपनों का देश कहलाने वाले अमेरिका में उसके कदम पड़े. कुछ और समय बीता तो उसकी के माता-पिता के उसके विवाह की चिंता सताने लगी और उसकी से उसकी पसंद पूछी गई तो उसने अपने माता-पिता पर छोड़ दिया. अब तो उसके मम्मी-पापा के लिए एक मुश्किल काम आ गया था, उन्हें लगा कि इतनी ब्रिलियंट लड़की के लिए आराम से उसके अनुकूल वर मिल जायेगा. पर... वे शायद भूल गए थे कि वे भारत जैसे देश में रहते हैं, जहाँ पर कन्या कितनी भी गुणी हो और अपने पैरों पर खड़ी हो पर उसका लड़की होना ही उसके सारे गुणों को अवगुणों में बदल देता है. उसकी के माता-पिता की इस जमीनी हकीकत ने आसमान से जमीं पर ला दिया, पर... कहते हैं न की इस धरती पर हर एक का जोड़ा बना है सो उसके लिए भी रोहित के रूप में उसका लाइफ पार्टनर आया. अपने समाज और जाति में लड़का मिलना और वो भी उसकी जैसी  लड़की के लिए, ये सोने पर सुहागा जैसा लग रहा था.
उसकी की ये कहानी ऐसा लगता है मानो एक शानदार जिंदगी का आगाज लगती है पर उसे नहीं मालूम था कि इसी शुरुआत में उसकी जिंदगी जहन्नुम बन जाने वाली थी और वो भी जल्दी ही. रोहित उसकी जिंदगी में एक शीतल बयार बनकर नहीं बल्कि कहर बनकर आया था. वो एक निहायत ही दरिंदा टाइप का इन्सान निकला उसने उसके वजूद को तार-तार कर दिया. कहने को तो रोहित की शख्सियत बेमिसाल थी कोई भी लड़की उसे अपने हमसफ़र के तौर पर पाकर रश्क कर सकती थी पर अपने भीतर वो हैवानियत की जिन्दा मिसाल था . उसकी जो अपने माता-पिता और उसके जानने वालों के लिए एक मिसाल थी और उनकी आँखों का तारा थी, जल्दी ही अपने बिखरे वजूद को लिए अमेरिका से लौट आई. उसकी आँखों में आंसू मानो घर बना चुके थे.
अपने अस्तित्व के टुकड़े समेटे अपने माता-पिता के साथ रहने लगी. उसकी जिंदगी में मानो अभी और भी सैलाब आना बाकि था. माता-पिता जहाँ उसे सांत्वना दे रहे थे और कुछ शुभचिंतक उसके दुःख को कम करने की कोशिश में लगे थे वही कुछ सामाजिक चेहरे ऐसे भी थे जो उसके चेहरे पर दर्द की लकीरों का स्थायी बसेरा चाहते थे. प्रायः लोगों की व्यंग्य भरी भाषा और टीका-टिप्पणी से उसकी तकलीफ और भी बढ़ जाती थी. उसकी धीरे-धीरे अपने दर्द से उबरने लगती है और उसके माता-पिता उसे उस तकलीफ से बाहर निकालने की सोचते हैं और तलाक के लिए कोर्ट में केस लगाते हैं.
जिंदगी कभी रूकती नहीं और उसकी भी जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी और उसका आत्मविश्वास लौटने लगा. उसकी जिदगी के रूटीन में शाम की सैर भी शामिल थी और वो अब अक्सर सैर पर भी जाने लगी. उनका घर एक बेहद पोश कॉलोनी में है और सुबह या शाम की सैर का एक अलग ही आनंद होता है. आज भी उसकी अपनी माँ के साथ शाम की सैर पर निकली ही थे की उनकी एक परिचित किसी महिला के साथ घूम रही थी, ने उसकी की तरफ इशारा करके कहा कि यही वो लड़की है जिसे उसके पति ने छोड़ दिया...
उसकी ने जैसे ही ये सुना, वो कुछ कदम आगे बढ़कर उस परिचित महिला के सामने पहुच गई और बेहद शांत स्वर में बोली, आंटी...! आप गलत बोल रही हैं, उसने मुझे नहीं छोड़ा बल्कि मैंने उसे छोड़ा है ...आप ये इलसिए नहीं समझ सकती क्योंकि आप की बेटी के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ...
उसकी के इन शब्दों ने ही मुझे ये ब्लॉग लिखने के लिए प्रेरित किया. मुझे उसमे भारत की उस बेटी की झलक मिल रही थी जिसे आज के भारत को जरुरत है.
आप  सब ये तो जानना चाहेंगे कि आज उसकी कहा है...? आज उसकी फिर से अपनी जिंदगी में लौट चुकी है, न हार मनाने वाली, जिंदगी में आगे बढ़ने वाली उसकी आज ऑस्ट्रेलिया में एक नई जॉब के साथ फिर से जिंदगी की एक नई शुरुआत कर रही है.

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