रविवार, 24 सितंबर 2017

use Royale atmos to purify your home



ये मेरा घर- ये मेरा घर...

"Touch wood", दुनिया में अगर कोई भी safest place है तो वो है "मेरा घर" और जब घर की बात हो रही है तो गुलज़ार साहब की ये ghazal तो गुनगुनाने का मन भी कर आता है. " ये तेरा घर ये मेरा घर...." हाँ.... तो मै बात कर रही थी अपने घर की...!! अब आप ही बताएं कि दुनिया में कोई ऐसा इंसान होगा जो अपने घर की चाहत न करे और वो अपने लिए कोई personal space न चाहे. ठीक कहाँ न मैंने... आप भी ठीक ऐसा ही सोचते हैं न...! 
अब अपने घर के बारे में आप जब भी बात करते होंगे तो आपके चेहरे पर एक sweet smile आना लाजमी है और उसके बारे में बात करते-करते कहीं खो जाना भी आपकी एक अदा हो सकती है और आपके इसी घर पर कोई सवालिया निशान लगा दे, तो कैसा महसूस करेंगे आप...??  हम अपने इसी सपने या यूं कहें कि अपने इस आधे हक़ीकत और आधे फ़साने में बेहद खुश थे; पर.... हाय री किस्मत !!, एक दिन जब टी वी पर अपना मनपसंद सीरियल देख रहे थे तो बीच में आने वाले विज्ञापनों की अनदेखी करने की आदत के चलते हम अक्सर हम कुछ अपने घरेलू काम जैसे सब्जी काटना, बनाना या फिर खाना बनाने की तैयारी कर लिया करते थे. वो मनहूस दिन ही था जब उस दिन हम ad आने पर अपने घरेलू काम न करके विज्ञापन देखने बैठ गए और अचानक हमारी निगाह जिस विज्ञापन पर गई, तो मानो वह वहीँ की वहीँ जम कर रह गई. अरे...! जब दीपिका पादुकोण जैसी सितारा किसी टी वी ad में हो और वो भी पूरे फैशन और makeup के साथ तो फिर हमारे जैसे fashionmaina का ध्यान जाना लाजमी था. सबसे अजीब बात जो थी और उसी ने हमारा ध्यान इस ad की ओर खिंचा; और वो था दीपिका पादुकोण का अपने मुंह को mask से ढांकना... अब भला बताओ...!! कोई समझदार प्राणी भी कंही अपना मुंह इस तरह से ढांकता है भला...!!
 हम आज तक उस घड़ी को कोसते हैं जब हमने इस ad को देखने की जहमत उठाई थी. दीपिका के मुंह पर लगे मास्क ने जो हमारा ध्यान खिंचा था उसने तो मानो हमारी पूरी दुनिया ही बदल डाली थी. अब आप हमसे ये सवाल कर ही डालें कि ऐसा कैसे हो सकता है...? तो इसके जवाब में हम कहेंगे कि ऐसा हमारे साथ हो चुका है. चलिए हम अपना हाले दिल आपको सुना ही देते हैं. दीपिका के मुंह पर पड़े मास्क ने हमें उस ad को बड़े धीरज के साथ और कई बार देखने के लिए मजबूर कर दिया और हम करते भी क्या...?? हम पर तो मानों क़यामत ही टूट पड़ी थी, ये जानकर कि जिस "अपने घर" को हम दुनिया की सबसे महफूज जगह समझते थे वो कितनी बेवफ़ा निकली; वो हमारी कभी थी ही नहीं, वो तो कुछ गैरों; इनको कुछ नाम दिया गया है...हाँ..याद आया ..! indoor pollutants, की पनाहगाह बन चुका है. अब ऐसा तो नहीं था कि हम एकदम से विश्वास कर लेते, ये तो बड़ी खतरनाक बात थी और इसका conform होना अभी बाकी था.. याने picture अभी बाकी थी.
ये एक ऐसा सदमा था जिसने हमारे होशोहवास पर मानो बिजली सी गिरा दी थी; अब कुछ दिन तो लगने ही थे हमें इस सदमें से बाहर निकलने में. जब हम इस सदमें से बाहर निकले तो सबसे पहले google की शरण में जाना ठीक समझा; क्योंकि बाबा राम रहीम या आसाराम की शरण में जाने से तो बेहतर है कि बाबा google की पनाह में जाया जाये. फिर तो हम उनकी शरण में ऐसे गए कि लगा ज्ञान के सागर में गोते खाकर निकले और जो indoor pollutants के नाम के क्षुद्र प्राणियों के नाम ढूँढ कर हम लाये उसने हमारी वेदना को और भी बढ़ा दिया. लगा अभी तक हम जिसे अपना घर समझ रहे थे वो कभी भी हमारा न था. अब आप भी जान लें कि आपके घर में किन-किन लोगों का आपकी permission के बगैर बसेरा है. इन indoor pollutants के ऐसे-ऐसे नाम हैं कि हमें भी बार-बार याद करने पर याद नहीं रहते. कुछ asbestos, CO (कार्बन monoxide), biological pollutants, pressed wood products, lead जैसे नाम हैं और न जाने क्या-क्या... और इनकी मौजूदगी से होने वाली बीमारियाँ किसी slow poison ली मानिंद लग रहीं थी. इतना सब पढ़कर तो शरीर में झुरझरी सी दौड़ गई. बाप रे बाप...! हम अभी तक किस जलजले में जी रहे थे. अब तो ऐसा लग रहा था कि जल्दी से जाकर हम भी एक मास्क ले आयें. जो बात मोटे तौर पर समझ आई वो ये थी कि इन pollutants से सांस की बीमारी से लेकर cancer तक जो जाने के खतरे थे. हे भगवान्...! हम अभी तक किस अन्धकार में जी रहे थे...??? thanks to Asian Paints जिससे हम जान सके कि Royale Atmos paint का इस्तेमाल कर पराये हो चुके अपने इस घर को फिर से हम "अपना घर" बना सकते हैं. अब जिंदगी से प्यार है तो अपने घर की हवा को भी purify करना जरुरी है. मैंने तो अपने घर को Royale Atmos से paint कर दिया है... अब आपकी बारी है; अपने घर में जबरदस्ती घुसे इन घुसपैठियों को बाहर खदेड़ने की... अब ये काम कैसे करता है...? ये तो आप तभी जान पाएंगे जब आप इसे आजमाएंगे. और इसकी कार्बन टेक्नोलॉजी को आप काम करने का मौका देंगे.
 हाय....! अब तो फिर से मन जोर-जोर से गाने का कर रहा है, " ये मेरा घर- ये मेरा घर, किसी को देखना हो गर, तो मुझसे आके मांग ले मेरी नजर..मेरी नजर..."  (वीणा सेठी)
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