ये मेरा
घर ...
गुलजार जी की लिखी और
जगजीत सिंग जी द्वारा गई एक ग़ज़ल जब भी सुनी जाये; कानों में जैसे मिश्री सी घोल
देती है. और लगता है कि बस सुनते रहो...!!. ‘ ये तेरा घर ये मेरा घर; किसी को देखना हो गर,
तो पहले आके मांगे तेरी नजर- मेरी नजर...”
"घर" है तो छोटा सा शब्द, पर यही वो जगह है
जहाँ तमाम दुख और परेशानियों से राहत मिलती है, शांति-सुकून मिलता है, इसलिए घर ऐसा हो जहाँ इन्सान फुर्सत के कुछ पल ख़ुशी से
बिता सकें (वीणा (.
घर वो जगह है; जहाँ
इंसान पूरी दुनिया से अलग अपने आप के साथ रहना पसंद करता है. आप स्वयं ही कल्पना
करें कि पूरी दुनिया एक खुले आँगन की तरह है और आप एक ऐसा कोना तलाश रहें हैं,
जहाँ आप दूसरों की नजरों से दूर रहकर अपने साथ और अपने अपनों के साथ कुछ पल अपनेपन
के गुजरना चाहतें हैं. तब ऐसा नहीं लगता ...?? कि घर से बेहतर कोई जगह नहीं हो
सकती.
एक बात जान लीजिये
‘मकान’ घर नहीं हो सकता. “A
‘House’ can never ever be a ‘Home’. A House is only a Concrete Structure
containing 4 walls, a roof and some windows and door. But a ‘Home’ is the
emotional structure that is built by some people, who live in it.”(Veena)
मकान तो बन सकता है
पर घर नहीं बनाया जा सकता, जब तक की उसमें आकर रहा न जाये; बसा न जाये. घर में
रहने के लिए कुछ साजो-सामान की भी जरुरत पड़ती हैं अब ये सामान कुछ ऐसा होना चाहिए
कि जिससे घर में रहने वाले लोगों के दिलों में एक- दूसरे के लिए कुछ खास बात पैदा
कर सके...! जिससे लगे की ये घर इसमें रहने वालों के दिल के करीब है.
# आप सहमत नहीं हैं
क्या मेरी इस बात से...?” कोई बात नहीं ...! हो जायेंगे. हाँ तो ...! मै बात कर रही थी, घर के
साजो-सामान की, घर की साज सज्जा की, कि जिससे लगे कि ये घर नहीं बल्कि किसी की
शख्सियत का आइना है.
अगर मैं अपनी बात
करूँ! ...तो मेरी पसंद का घर कैसा होगा...? ये थोड़ा सोचना पड़ेगा. हूँ ...! मैं बता
सकती हूँ कि मेरी पसंद का घर कैसा हो सकता है.
अगर मैं आसमान,
समुद्र और हरियाली को एक साथ अपने घर में उतार लूं ...तो कैसा रहेगा...? आप को
क्या लगता है...?
घर के बाहर हरियाली
का साथ तो हमेशा से ही अच्छा रहता है. पर... मैं इसमें भी कुछ innovative और creative चाहती हूँ. पर ... सोचने के
बात ये है कि वो अलग हटकर क्या हो सकता है...? क्यों न plastic की बोतल को recycle किया जाये. दीवारों कोई पैटर्न बनाकर उनके टांगने के लिए कुछ एंकर लगायें
जाएँ. कुछ पुराने टायर को काटकर भी थोड़े क्रिएटिव से गमले प्लांट लगाने के लिए
बनाये जा सकते हैं. हैं ना...! environmental friendly idea.
bed room |
अब अगर बेड रूम याने
शयन कक्ष की बात करें...! तो इतना जान लीजिये कि मुझे तो समुद्र का aqua blue और
आसमान का हल्का नीलापन भायेगा. सोचिये...! अगर आसमान और समुद्र दोनों आपके सोने के
कमरे में उतर जाएँ तो कैसा लगेगा...? नीला रंग आध्यात्म का भी तो है. इस कमरे में queen sized bed और वो भी white painted हो तो क्या कहने...! और उस पर रॉयल ब्लू ...!नहीं नेवी ब्लू
बेडिंग सेट सोने पर सुहागा है. आप क्या कहते हैं...?
लीविंग रूम तो बिलकुल
बगुले सा सफेद हो तो क्या कहने...? और उसके कंट्रास्ट करता smoky grey furniture-
बिलकुल बादलों जैसा होगा. अब अगर मानसून के बादलों के अलग-अलग लाइट और डार्क शेड्स
यहाँ पर अटखेलियाँ करते नजर आयें...तो कैसा रहेगा...? आप एक बार कल्पना तो करके
देखें.
लगता है कुछ छूट रहा
है, पर... किसी भी घर का सपना हरेक का अलग-अलग होता है. और इस कल्पना के संसार में
किसी अपने सिवाय किसी दूसरे की बादशाहत नहीं होती. नो एंट्री का बोर्ड लगा रहता
है.
चलिए घर के खास हिस्सों
की बात तो हो चुकी और मुझे लगता है कि अभी भी और कुछ कहने को बाकि है, पर वो फिर
कभी सही...! इतना जान लीजिये कि घर केवल सामान से नहीं प्यार और अपनेपन से बनता है.
घर को संवार कर रखना एक कला है. जितनी शिद्दत से आप से संवारेंगे आपका घर उतना ही
सुन्दर लगेगा. आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी हमेशा डेरा डाले रहेगी. साफ़ और शफ्फाक
घर आपके स्वाभाव और रूचि को ही रेल्फेक्ट करेगा.
“ ये घर नहीं मेरे दिल का आइना है;
एक बार इसमें बस कर तो देख.
यहाँ
तुझे सुकून और ख़ुशी मिलेगी;
एक बार इसमें समा कर
तो देख”.(वीणा सेठी)
“I am participating in the Upload and Transform #HomeCanvas activity in association with Godrej Interio and BlogAdda.
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