पेशावर में मासूमों के दिल दहशतगर्दों ने छलनी किये और इंसानियत को शर्मसार किया
. एक मौन श्रधांजलि.
काश.. ( केवल
चार लाइन)
वो जो गोलियां आतंकियों की चली थीं;
मासूमों का दिल छलनी कर गई थीं.,
काश कि इस सर्दी में जम जाती.
माओं की गोद सूनी तो न होने पाती .
वीणा सेठी
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