धरती पुकारती है
Earth
“Earth is calling” याने धरती पुकारती है. हम धरती को माँ कहते हैं. ऋग्वेद में एक श्लोक है,
जिसका तात्पर्य है कि “ हे माँ मुझे क्षमा करना मै तेरे वक्ष पर अपने पैर रख रहा हूँ...” यही कारण है कि हमारे ऋषि-मुनि जो जंगलों में
रहते थे वे लकड़ी के खडाऊं पहनते थे.
Lush Greenery |
हमारी धरती दूर से
एक बेहद सुंदर आसमानी नील और हरे रंग की दिखती, शायद इस ब्रहमाण्ड में ऐसा अकेला
और सुन्दर ग्रह कोई दूसरा नहीं है. एक समय था जब धरती का भू भाग पूरी तरह से
हरियाली से आच्छादित था... पर इन्सान नामक प्राणी ने उसकी इस हरी चुनर को तार-तार
करना शुरु कर दिया. ये भी कोई बताने की बात नहीं है, पर ...इसका जिक्र एक बार
अवश्य करना चाहूँगी. इन्सान की हवस और पैसे की चाहत ने धरती का सीना रौंद डाला. वह
एक माँ की तरह अपनी संतानों को निस्वार्थ भाव से देती ही आई है और बदले में उसे
हमने क्या दिया ये बताने की कोई जरुरत नहीं है...? पर हम कहाँ शर्मिंदा हैं अपने
इस कृत्य से.
Forest |
आज हमारी धरती खतरे
में है, ये हम सब जानते हैं. ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट (Green House Effect) के कारण धरती का रक्षा कवच याने ओजोन लेयर (Ozone Layer) छलनी हो रहा
है और उसके खतरे से हम अन्जान नहीं हैं. वातावरण इतना प्रदूषित हो चुका है कि साँस
लेना आसान नहीं रहा. जो चीजे हम रोजाना इस्तेमाल करते हैं उनसे हम कितना प्रदूषण फैलातें
हैं, ये हम से नहीं छिपा है और इस सच से आँख चुराना हमारे लिए घातक हो सकता है. अगर
हम अपने रोज के जीवन में कुछ बातों का ध्यान रखें तो हम वास्तव में वातावरण को
प्रदूषित होने से बचा सकते हैं.
1 पोलीथिन के स्थान
पर कपडे या कागज के थैले का इस्तेमाल करें. Sa
2 अगर एक रूट पर जा
रहे हों तो एक ही गाड़ी से जाएँ, पेट्रोल और पैसे की बचत तो होगी ही साथ में रिश्ते
भी मजबूत होंगे. धरती के साथ आपकी दोस्ती प्रदुषण कम करके ही हो सकती है.
3 आजकल जिस तरह से
डिस्पोजेबल चीजों का इस्तेमाल हो रहा है उससे कचरा तो बढ़ ही रहा है साथ में
प्रदुषण भी. डिस्पोजेबल चीजों के इस्तेमाल को ना कहना सीखें.
4 अपने घर में
हरियाली जरुर लायें, याने पेड़-पौधे लगायें. इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी भी बनी
रहती है. और मूड तो बेहद शानदार हो जाता है.
5 सरकारी खाली पड़ी जमीं
पर हरे वृक्ष लगायें और उनकी देखभाल करना न भूलें. ये वृक्ष अगली पीढ़ी को आपकी
सौगात होगी.
6 naturaप्राकृतिक
जंगलों को बचाना सबसे जरुरी काम है. क्योंकि ये जंगल रहेंगे तो धरती पर जीवन
रहेगा.
7 पानी की बचत करना
सीखें. पानी को व्यर्थ ही न बहायें. क्योंकि जल ही पृथ्वी पर जीवन है.
अब सब मै बताउंगी तो
आप शायद सोचना न चाहें ... इसलिए कुछ आपके सोचने के लिए छोड़ देती हूँ. एक कदम
मैंने बढाया है अब एक आप बढ़ाएं..
सुनिए धरती आपको
पुकारती है ...
Really Earth is Calling.
Now it our duty to save the Mother Earth .
उसे माँ कहते हो,
फिर भी उसका सीना
क्यों रौंदते हो...?
नहीं छल करना अपनी
माँ से;
वह ये सह न पायेगी.
सम्हाल जाओ ;
अभी भी वक्त है.
नहीं तो वह तुम्हे,
स्वयं ही सजा दे
देगी. (वीणा)
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