खोया पाया............??
इन ६५ सालों में;
आइये देखें
हमने
क्या खोया.............?
क्या पाया...............?
जब पहुंचे
खोया-पाया विभाग में;
तो भ्रष्टाचार पाया:ईमानदारी को खोया पाया.
झूठ पाया गया: सच को खोया पाया.
नेताजी को कुर्सी पर पाया:और आम आदमी को खोया पाया.
लोकतंत्र का ढांचा पाया: लोकतंत्र को खोया पाया.
हमने
क्या खोया.............?
क्या पाया...............?
जब पहुंचे
खोया-पाया विभाग में;
तो भ्रष्टाचार पाया:ईमानदारी को खोया पाया.
झूठ पाया गया: सच को खोया पाया.
नेताजी को कुर्सी पर पाया:और आम आदमी को खोया पाया.
लोकतंत्र का ढांचा पाया: लोकतंत्र को खोया पाया.
सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं(अरुन = arunsblog.in)
बेहतरीन रचना,शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंमिलिए सुतनुका देवदासी और देवदीन रुपदक्ष से रामगढ में
जहाँ रचा कालिदास ने महाकाव्य मेघदूत।