मंगलवार, 22 जनवरी 2013

प्यार का एहसास सुगंध कि तरह: My entry for the Get Published contest’










प्यार का एहसास सुगंध कि तरह: My entry for the Get Published contest’



 प्यार का एहसास



किसी प्रेम कहानी के बारे में बात करना तो आसान है और प्रेम को परिभाषित भी किया जा सकता है. ये सब किताबी बाते होती हैं पर जब प्यार को जी लिया जाये और उसे समझ लिया जाये तो उस पर बात करना या कहानी कहना उतना सरल नहीं रहता, तब शब्द तलाशने पड़ते हैं और शब्द मिल भी जाएँ तो उस जिए पल को शब्दों कि शक्ल देना फिर भी आसान नहीं रहता. 

सैकड़ों सालों से कुछ प्यार कि कहानियां मशहूर हुई हैं जिन्हें सारी दुनिया जानती है और उनके पात्र दुनिया कि लिए अनजाने नहीं हैं. जब भी कोई प्यार करता है तो लोग उन्हें इन पात्रों के नाम से चिढाया करते हैं. मसलन,
“ अरे ...देखो ! अपने आप को लैला-मजनू समझते हैं”. 


“बड़ा रोमियों बना फिरता है...”


“ अपने आप को मजनूं कि औलाद समझता है...”


“ उसको देखो कैसा कन्हैया बना फिरता है...”


ऐसे और भी विशेषण आपके कानों को गाहे-बगाहे सुने दे ही जाते होंगे. 

वास्तव में प्यार इक एहसास है जो आपके वजूद से सुगंध ताउम्र लिपटा रहता है,और आप एहसास कि नजर अपनी उम्र कर देते हैं. आपका प्यार आपको मिल ही जाये ये जरुरी तो नहीं पर इसका ये कतई भी मतलब नहीं है कि आपका प्यार असफल हो गया. आप किसी से प्यार करें और उससे आपकी शादी जो जाये तो ही आपकी कहानी पूरी मानी जायेगी या आपकी कहानी का ये सुखद अंत है. ये बिलकुल भी जरुरी नहीं और ये किस ने कह दिया कि आपका प्यार आपका हमसफ़र बने तो ही वो कहानी पूरी मानी जाये.

यहाँ मै ऐसी ही इक कहानी का जिक्र करना चाहूंगी, ये कहानी मेरे दिल के बेहद करीब है क्योंकि ये मेरे कि बेहद अपने कि है उसने केवल इसी शर्त पर अपने प्यार के बारे में बताया था कि मै उसे किसी के सामने नहीं बताउंगी. पर मै अपने वचन को थोड़ा सा तोड़ने को मजबूर हूँ पर मै उस इंसान का नाम दुनिया के सामने लाए बिना ही इस कहानी को लोगों के सामने लाना चाहती हूँ, ताकि लोग जान सकें कि प्यार का ये मतलब नहीं कि जिससे आप प्यार करते हैं वो सशरीर आपके साथ ताउम्र रहे, प्यार तो इक एहसास है जिसके साथ आप सारी उम्र रह सकते हैं.

यहाँ मै उस इंसान को एक नाम देकर उसकी कहानी का परिचय देना चाहूंगी. आवृति बेहद हंसमुख लड़की जिसकी जिंदगी में प्यार के लिए कोई जगह नहीं थी. और तो और वो प्यार करने वालों का अक्सर मजाक उड़ाया करती थी. वह इतनी जिंदादिल थी कि लगता था जिंदगी उसके आसपास बेहद खुशी से रहना चाहती है और किसी को जिंदगी जीना हो तो वो आवृति से सीखे. लगता भी नहीं था कि आवृति की जिंदगी के दरवाजे पर प्यार कि दस्तक भी होगी और जब प्यार ने दस्तक दी वो भी एक पल ....?? और उसके बाद जिंदगी ने जो करवट ली उसने आवृति को जीवन में प्यार का एहसास कैसे करवाया ये भी दिलचस्प है पर उसकी कहानी कुछ तो अलग है ही ऐसा मुझे लगता है.

 This is my entry for the HarperCollins–IndiBlogger Get Published contest, which is run with inputs from Yashodhara Lal and HarperCollins India

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