सोमवार, 5 अप्रैल 2010

कहानी..........नारी-5(ममता)

वह भी ममता से भरी थी..................

वह उम्रदराज हो चली थीउसने विवाह नहीं किया था, यही लोगों के लिए कौतुहल का विषय थालोगों के लिए वह अक्सर चर्चा का विषय हो जाया करती थीउसमे कोई कमी नहीं थीवह सुन्दर थी, काफी पढ़ी -लिखी थी और अमीर परिवार की थी, ये बहुत कम लोग जानते थे की उसने जिदगी में काफी उच्चे लक्ष्य अपने लिए निर्धारित किये थे पर उसकी बात को उसके माता-पिता समझने के लिए तैयार ही नहीं थे नतीजा इस रस्साकशी में उसके सपने भी टूट गए और वह उम्र में इतनी आगे निकल गई की उसकी शादी भी हो सकीउसे बच्चों से बहुत प्यार था पर उसकी भावना को कोई समझ नहीं सका, उस दिन वह एक स्कूल के करीब से निकली तो गेट पर खड़े एक साल के बच्चे को रोते हुए देखा तो वह उसे चुप कराने लगी इतने में उस बच्चे की माँ गई और उसने हल्ला मचा दिया और इस तरह चिल्लाने लगी मानो वह उसके बच्चे को चुरा के ले जा रही हो और 'वह' अपराधी मन ली गई, गर कोई उसकी आँखों में झांक सकता तो पाता की उसकी आँखें नाम थी और पूछ रही थी मानो मेरा अपराध क्या था- गर उसका विवाह नही हुआ तो क्या उसमे ममता नहीं थी-------------- उसकी आँखें मानो कह रही थीं की हर औरत में ममता कुदरत की तरफ से भरी होती है उसके लिए तो माँ बनना जरुरी है और ही शादी ------------------..





4 टिप्‍पणियां:

  1. bahut sunder abhivyakti maa ka mamta mansik sharirik ya vaivahik paristhitiyon ki mohtaaj nahi hoti....aapse guzarish hai...is link ko avashya padhiyega...kuch aisa hi hai isme bhi....
    http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/2010/04/blog-post_1139.html comments na bhi de to chalega :) bas bhav samajhiyega

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  2. क्या कहें..माँ का ममत्व तो हर नारी में होता है.

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  3. kisi kisi ko mamta ka sikh prapt hota he

    kismat walo ko



    shekhar kumawat

    http://kavyawani.blogspot.com/

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