बुधवार, 3 मार्च 2010

कहानी..............नारी-3

मिनी देर से क्यूँ आई.............................??

मिनी आज काम पर बहुत देर से आई। तब तक मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर था। उसके घर में घुसते ही मै जोरसे चिल्लाई- ' आज तूने फिर देर कर दी ?', मिनी ने बड़े ही मुस्कराते अंदाज में कहा, ' दीदी! आज पिंकी के पापा नेमुझे २०० रुपये दिए हैं।' क्यों ? मेरी निगाहों में सवाल तैर गया। मिनी अपनी ही धुन में थी, ये रुपये पिंकी के पापाने मंगल सूत्र खरीदने को दिये हैं। वो आजकल गारंटी वाले आते हैं ना जो छः महीने बाद आधे पैसे में वापस ले लेतेहैं।' मिनी अपनी ख़ुशी में मगन मुझे बता रही थी और मैं उसकी कल की कही बात पर सोच रही थी।
कल मिनी ने बताया था कि उसकी शादी को नौ साल हो गए हैं पर आज तक उसके पति ने उसे एक भी सलवार सूटखरीदकर नहीं दिया। और जब कल उसने अपने पति से १५० रुपये सूट खरीदने के लिए मांगे तो वह उस पर येकहते हुए बरस पड़ा कि बैंक तेरे बाप खुलवा के दिया है जो मै तुझे सूट लेकर दूँ। मिनी दूसरों कि उतरन पर ही कमचला रही थी। उसी पति ने आज उसे मंगल सूत्र के लिए २०० रुपये देने में एक पल की देरी नहीं की। क्योंकि वोमंगल सूत्र उसके नाम पर उसकी पत्नी को मिलने वाला एक पहचान पत्र था जो ये बताता है की वह उसकी मल्कियत है.


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